अहमदाबाद विमानी दुर्घटना: एक दर्दनाक सच
12 जून 2025 की दोपहर अहमदाबाद के सारदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन (गैटविक) के लिए टेक-ऑफ करने वाली एयर इंडिया फ्लाइट AI 171 मात्र 30 सेकंड बाद ही दुर्घटनाग्रस्त होकर बी.जे. मेडिकल कॉलेज के मेघानीनगर छात्रावास में जा घुसी। इसके तुरंत बाद विमान फटकर आग में जल गया

एहतियात एवं रिस्पॉन्स
- गिरने से पहले पायलट ने “Mayday” कॉल की, विमान लगभग 625 फीट की ऊँचाई से तेजी से नीचे आने लगा
- नजदीकी VVIP फ़ायर ब्रिगेड (जो मुख्यमंत्री के काफ़िले के लिए तैनात थी) सबसे पहले दुर्घटना स्थल पहुंची, कुल मिलाकर 100 से अधिक दमकल गाड़ियाँ और लाखों लीटर पानी इस्तेमाल हुआ
मानव-पालित परिणाम
- हवाई जहाज पर बैठे 242 में से 241 लोगों की मौत हुई; मात्र एक व्यक्ति, विश्वरव कुमार रमेश, चमत्कारिक रूप से बचे—वे इमरजेंसी एग्ज़िट के पास थे
- साथ ही, विमान के क्रैश क्षेत्र में कम से कम 38–60 लोग मरे और लगभग 60 लोग घायल हुए—इनमें कई मेडिकल छात्र शामिल थे
कुछ प्रमुख मृतकों में शामिल:
- गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी इस दुर्घटना के शिकार हुए; उनकी पहचान DNA परीक्षण से की गई ।
- दुर्घटना स्थल पर कई मेडिकल छात्र और स्थानीय निवासी भी भारी संख्या में प्रभावित हुए
संभावित कारणों की शुरुआती जांच
- प्रारंभिक रूप से, विमान का टेक-ऑफ़ के समय लैंडिंग गियर न हट पाने का अनुमान लगाया जा रहा है, जिससे हवा में ड्रैग बढ़ गया और विमान ऊँचाई नहीं पकड़ पाया
- “ब्लैक बॉक्स” यानी फ़्लाइट डेटा रिकॉर्डर और वॉयस रिकॉर्डर अब खोजे जा रहे हैं। एक्सपर्ट टीमों ने शुरुआती डेटा विश्लेषण तक लगभग एक सप्ताह और निष्कर्ष तक तीन माह का समय बताया है ।
राहत, पहचान और दावे
- DNA मिलान के जरिए अब तक दर्जनों शवों की पहचान हुई, जिनमें से 32 शव परिवारों को सुपुर्द किए जा चुके
- एयर इंडिया व उसके मालिक ताता समूह ने प्रत्येक मृतक परिवार को ₹1.25 करोड़ (₹1 करोड़ + ₹25 लाख तत्काल सहायता) की आर्थिक सहायता का ऐलान किया
- गुजरात सरकार ने “वन-स्टॉप” सुविधा प्रदान कर अस्पताल में ही मृत्यु प्रमाण-पत्र और अन्य दस्तावेज़ उपलब्ध करवाए, साथ ही 230 समन्वय टीमों और काउंसलर नियुक्त किए गए हैं ।
निष्कर्ष
अहमदाबाद में हुई यह दुर्घटना भारत की दशकों में सबसे बड़ी विमान दुर्घटनाओं में से एक है। ड्रीमलाइनर के पहले फेटल एक्सिडेंट के रूप में इसे देखा जाएगा। शुरुआती जांच लैंडिंग गियर की स्थिति—एक संभावित मानवीय त्रुटि—की ओर संकेत करती है।
अनुसंधान चल रहे हैं, लेकिन याद रखिए: चल रहे जांच में अंतिम निष्कर्ष आने में समय लगेगा। अभी के लिए मृतकों के परिवारों को न्याय और जिम्मेदारी की उम्मीद है।
